Wednesday, August 18, 2010

क्या अब भी होगा हरीश रावत के साथ अन्याय ...........

उत्तराखंड में कांग्रेस को जीवित करने वाले हरीश रावत के साथ पार्टी में कई बार अन्याय हुआ लेकिन फिर भी कांग्रेस के झंडे को लेकर आगे बढ़ते रहे इस सिपाही ने हार नहीं मानी
2002 के विधान सभा चुनाव में अपनी कड़ी मेहनत से पार्टी को सत्ता में लाने वाले हरीश रावत को किनारे कर दिया गया !जब उत्तराखंड की जनता ने हरीश रावत को अपना नेता चुना तो पार्टी हाईकमान ने नारायण दत्त तिवारी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री थोप दिया !उसके बाद भी कांग्रेस का यह सिपाही प्रदेश की जनता के बीच रहकर उनके हितो की लड़ाई लड़ता रहा और पुरे प्रदेश के अन्दर कांग्रेस कार्यकर्ताओ की एक बड़ी फौज खड़ी करने में कामयाबी हासिल की !शायद ही ऐसा और कोई नेता हो जिसने हरीश रावत के बराबर पैदल यात्राएं और सम्मलेन किये हो ! हरीश रावत के प्रदेश अध्यक्ष रहते संगठन जमीनी स्तर पर मजबूत हुआ तो कार्यकर्ता भी हरीश रावत की कार्यशैली के फैन गए क्योंकि कार्यकर्ता को तो सम्मान चाहिए वह देने में हरीश रावत को महारत हासिल है ! आलम यह रहा कि जब वह प्रदेश अध्यक्ष पद से हटे और राज्य सभा का कार्यकाल समाप्त हुआ तो विरोधियो ने उन्हें राजनीती की डूबती नाव करार दिया लेकिन उनके समर्थको ने कभी उनका साथ नहीं छोड़ा ! २००७ विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पूर्ण बहुमत से आ सकती थी लेकिन यहाँ नारायण दत्त तिवारी ने कांग्रेस के उम्मीदवारों के खिलाफ बागी प्रत्यासी उतारकर उन्हें हरवाने का काम किया ! जिन लोगो को नारायण दत्त तिवारी ने सरकार में राज्यमंत्री बनाया उन्ही लोगो के कारण २००७ के बाद कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ा ! नारायण दत्त तिवारी नहीं चाहते थे कि सरकार बने और हरीश रावत मुख्यमंत्री बन जाये ! लेकिन तिवारी की यह कैसी मानसिकता कि जिसकी वजह से वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने उसी को नुकसान पहुंचाते रहे ! २००९ के लोकसभा चुनाव आये हरीश रावत की अल्मोड़ा शीट आरक्षित हो गयी अब विरोधियों के चेहरे खिले थे लेकिन यहाँ हाईकमान ने हरिद्वार की जनता की भावनाओं की क़द्र करते हुए उन्हें हरिद्वार से प्रत्यासी बनाकर भेज दिया सो वह १,२७,००० मतों से भी अधिक से जीते ! जिसके चलते पार्टी ने उन्हें सरकार में श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री बनाया हालाँकि उत्तराखंड की जनता ने जिस तरह पार्टी के पांचो प्रत्यासी जीताकर दिए उस आधार पर हरीश रावत का कैबिनेट मंत्री बनना तय माना जा रहा था ! लेकिन चर्चा है कि यहाँ भी नारायण दत्त तिवारी उनके रास्ते का रोड़ा बने ! अगर सूत्रों की माने तो यहाँ भी तिवारी ने उन्हें हराने के लिए शाम,दाम, दंड,भेद की निति अपनाई लेकिन यहाँ पर उनकी एक न चली बल्कि हरीश रावत ने हरिद्वार से कांग्रेस का लगभग २५ वर्षो पुराना वनवाश ख़त्म कर पार्टी के लिए भविष्य में उम्मीद की नयी किरण जगाई ! हरिद्वार जिला युवा कांग्रेस ने जिस तरह उन्हें जीताने के लिए जी तोड़ मेहनत की इसमे यह कहने में कोई हिचक नहीं कि उत्तराखंड के युवा भी हरीश रावत के कायल है ! युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी की टीम को भी उनकी जीत का पूरा श्रेय जाता है इसीलिए आज राजीव चौधरी के साथ उनकी टीम हरीश रावत के सबसे नजदीक और वफादार है !जिस तरह हरीश रावत २००९ के लोकसभा चुनाव में अपना प्रचार छोड़कर प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी प्रचार करने गए उससे तो साफ़ जाहिर है कि उन्हें अपनी कम बल्कि पार्टी की ज्यादा चिंता है ! ऐसा नहीं है कि संगठन के नेताओ ने कुछ नहीं किया बल्कि लहर की शुरुआत हरिद्वार से हुयी और जो हरीश रावत ने पुरे प्रदेश में बोया वो ही पार्टी ने काटा ! आज केंद्र में मंत्री होने के बावजूद भी वह कार्यकर्ताओ के लगातार संपर्क में है ! हरिद्वार के साथ ही लगातार उत्तराखंड के दौरे कर रहे हरीश रावत का अब सिर्फ एक ही लक्ष्य है कि २०१२ के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बने ! बेदाग छवि के हरीश रावत जिस तरह से यहाँ जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का काम कर रहे है उससे लगता है कि उनकी यह मेहनत बेकार नहीं जाएगी ! अपना पूरा जीवन गाँधी परिवार और कांग्रेस को समर्पित करने वाले हरीश रावत ने इस दौर में अपने परिवार में भी बहूत कुछ खोया लेकिन पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें हमेशा सहारा दिया ! अब लगभग डेढ़ वर्ष बाद फिर विधान सभा चुनाव होने है ऐसे में नारायण दत्त तिवारी ने फिर देहरादून में डेरा जमा लिया है हालाँकि अब तिवारी के पास कोई जनाधार नहीं है ! लेकिन उन्होंने निरंतर विकास समिति बनाकर यह सन्देश दे दिया है कि वह पार्टी के लिए कांटा तैयार कर रहे है ! उनके अलावा भी पार्टी में ऐसे कई लोग है जो अपने आप को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मान रहे है ! राजनीती में इच्छा शक्ति का होना जरूरी है लेकिन निजी स्वार्थ के लिए नहीं जिसके चलते आज संगठन में काम कर रहे कुछ लोग पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे है ! अब यदि हाईकमान को मिशन २०१२ फ़तेह करना है तो जरूरी है कि हरीश रावत को धुरी बनाकर काम करना चाहिए ! अगर पार्टी हरीश रावत पर विश्वाश जताकर उन्हें प्रदेश में सरकार बनाने की जिम्मेदारी सौंपे तो निश्चित ही पार्टी का यह शिपाही हाईकमान के भरोसे पर खरा उतरेगा ! अब उत्तराखंड की जनता भी कांग्रेस हाईकमान से यही उम्मीद रखती है कि इस बार देवभूमि के इस लाल के साथ अन्याय नहीं होगा और पार्टी हाईकमान से चीख चीख कर पूछ रही है कि क्या अब भी होगा हरीश रावत के साथ अन्याय..........................



राम विशाल देव, हरिद्वार, मोबाईल :- 09897464172